Tuesday, 27 November 2018

Latest Hindi Shayari | Love Shayari | Shayari Video | Writer & Shayar Aacky Verma



मोह्बत लफ्ज़ मे मोह्बत इतनी है, महबूब से जुदा होके जुदाई कितनी हैं,
सांसो को जो करदो हमसे जुदा, फिरभी कहंगे हम्हे मोह्बत चांद तारो जितनी है,

पहले पहले प्यार का नाशा कुछ खास होता है, तू मेरा मैं तेरी पहला वादा भी यही होता है,
फिर चांहे आ जाये कितनी भी रूकावटे , लेकिन आग मैं ही तपकर तो सोना चमकदार बनता है

प्यार से भी प्यारी , कभी जो महबूबा थी हमारी,
उसके जाने के गम इस कदर था, की न जाने कयू आंखे भी नम न होती हमारी,

यकि नही होता कभी, की वो अब मेरे साथ नही,
खुश रहे वो सदा रहे चांहे जंहा भी, मैं तो आज अकेला हु मगर कोई बात नही

चाहा तो उसको था बहोत मगर, उसकी चाहत का न मुझको पता था,
मेरी महोबत कम तो न थी, फिर जो वो हुई जुदा ऐसा क्या उसके लिए कम था

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Rakhi Ek Bandhan Poetry By Aacky Verma | Raksha Bandhan

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