मुफ़्लशी मैं ओर तन्हाई मैं, कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
चारो पहर हर घड़ी, सपनो मैं तेरा दीदार न किया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
हर घड़ी थे तुम्हारे साथ खड़े, ऐसा नही हुआ कभी जब तुम्हारा साथ न दिया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
आज इन तीखे लफ्जो मैं, कह गए वो बात जैसे तुमने प्यार न किया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो,
तो फिरभी मगर तुम्हे हम करते रहेंगें प्यार जो गर तुमने हमे अपना दिल न भी दिया हो,
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो-2
ऐसा कोई शमा नही जब हमने तुम्हे याद न किया हो-2